राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा- प्रकाश आंबेडकर को महाविकास आघाड़ी में शामिल करने को लेकर नहीं हुई कोई चर्चा

न्यूज व विज्ञापन के लिए संपर्क करें सैय्यद मोहम्मद कुमैल मोबाइल नंबर 7518866187राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा- प्रकाश आंबेडकर को महाविकास आघाड़ी में शामिल करने को लेकर नहीं हुई कोई चर्चा


Mumbai
 प्रकाश आंबेडकर और उद्धव ठाकरे की नई-नई हुई दोस्ती में सप्ताह भर के अंदर ही अड़चनें आनी शुरू हो गई हैं। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी (वंबआ) को महाविकास आघाड़ी में शामिल करने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी। कोल्हापुर में पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि राज्य में होने जा रहे कुछ सीटों के उपचुनावों से ठीक पहले प्रकाश आंबेडकर को महाविकास आघाड़ी में शामिल करने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी।


कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट एक साथ लड़ेगा चुनाव


उन्होंने कहा कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट एवं प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी के बीच क्या चल रहा है, हम इस विषय पर फिलहाल कोई चर्चा नहीं करेंगे। पवार ने आगे कहा कि कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट आनेवाले चुनाव साथ लड़ेगा। इस बारे में आंबेडकर से हमारी कोई चर्चा नहीं हुई है। बता दें कि राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना उद्धव बालासाहब ठाकरे (उद्धव गुट) फिलहाल महाविकास आघाड़ी के सदस्य हैं। 2019 से ये तीनों दल मिलकर ढाई साल तक सरकार भी चला चुके हैं।

उद्धव ठाकरे ने की थी गठबंधन की घोषणा


उद्धव ठाकरे ने इसी माह 23 जनवरी को अपने पिता शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे के जन्मदिन पर दलित नेता प्रकाश आंबेडकर की पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा करते हुए कहा था कि जिस तरह कभी विरोधी रहीं कांग्रेस और राकांपा के साथ वह ढाई साल सरकार चला चुके हैं। उसी प्रकार अब महाविकास आघाड़ी में प्रकाश आंबेडकर के शामिल होने के बाद भी यह आघाड़ी काम करती रहेगी।

कर्नाटक में नहीं बनेगी भाजपा की सरकार

हालांकि शरद पवार के बयान से साफ हो गया कि उद्धव ठाकरे ने प्रकाश आंबेडकर से गठबंधन करने से पहले महाविकास आघाड़ी के शिल्पकार कहे जानेवाले शरद पवार से भी चर्चा नहीं की। यह विवाद प्रकाश आंबेडकर द्वारा शरद पवार पर लगातार की जा रही टिप्पणियों के कारण शुरू हुआ है। इसी बातचीत में शरद पवार ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि आनेवाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद वहां भाजपा की सरकार जानेवाली है। उनके अनुसार हाल ही आए एक सर्वे में लोगों का मन सत्तारूढ़ दल के विरोध में दिखाई दे रहा है।

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