मुंब्रा के सामूहिक विवाह का यह कार्यक्रम, जहाँ गरीब परिवारों को सहूलियत देने का दावा किया गया था… लेकिन इसी मंच पर कानून की खुली धज्जियाँ उड़ गईं।
मुंब्रा हैदर बाग में हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में बड़ा खुलासा… सिर्फ़ जश्न का माहौल था, लेकिन इसी भीड़ के बीच एक गंभीर मामला सामने आया है। 17 साल की नाबालिग बच्ची का निकाह करा दिया गया, और अब पूरा मामला विवादों के घेरे में है।
जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में कई बड़े चेहरे और सामाजिक संगठन मौजूद थे। निकाह पढ़ाने वाले मौलाना पर सवाल उठ रहे हैं, और साथ ही वह एनजीओ भी निशाने पर है, जिसने इस सामूहिक विवाह का आयोजन किया था।
इसी कार्यक्रम में आशीर्वाद देने पहुँची थीं राजनीतिक नेता ऋता आव्हाड, लेकिन नाबालिग की शादी की बात सामने आने के बाद अब उन पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं—
आख़िर कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने उम्र की जांच क्यों नहीं की?
किसके निर्देश पर हुआ यह निकाह?
और क्यों नाबालिग बच्ची को शादी के मंडप में लाया गया?
अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इस गैरकानूनी निकाह के लिए ज़िम्मेदार कौन है?
भारत में लड़की की कानूनी शादी की उम्र 18 साल है।
इसके बावजूद नाबालिग का निकाह न सिर्फ कानून के खिलाफ है, बल्कि इसके लिए शामिल सभी लोगों पर गंभीर धाराओं में कार्रवाई हो सकती है।
अगर मौलाना को पता था कि लड़की नाबालिग है और फिर भी उसने निकाह पढ़ाया, तो उन पर ये धाराएँ लग सकती हैं:
Prohibition of Child Marriage Act, 2006
धारा 10 – बाल विवाह कराने पर सज़ा
धारा 11 – सहायता करने वालों पर कार्रवाई
IPC धारा 109 – अपराध में सहयोग
IPC धारा 120B – आपराधिक साज़िश
अगर NGO ने उम्र की जाँच किए बिना नाबालिग की शादी कराई या आयोजन में सहयोग दिया, तो:
PCMA धारा 11 – बाल विवाह को बढ़ावा देने पर
IPC 109 – सहयोग
IPC 120B – साजिश
IPC 166A (अगर सरकारी सहयोग मिला हो और कानून की अनदेखी की गई हो)
नाबालिग बच्ची की शादी कराना सीधी कानूनी जिम्मेदारी है:
PCMA धारा 9 – नाबालिग लड़की की शादी कराने पर दंड
PCMA धारा 10 – बाल विवाह करवाने वालों की सज़ा
IPC 75 – बच्चे के साथ क्रूरता
IPC 317/370 का उपयोग परिस्थितियों पर निर्भर करता है (अगर शोषण या मजबूरी के संकेत हों)
कानून के अनुसार:
2 साल तक की जेल
1 लाख रुपये तक का जुर्माना
और शादी को नाबालिग के 18 साल होने पर कोर्ट द्वारा रद्द कराया जा सकता है।
Comments
Post a Comment